बच्चों की रूलाई
खीचो मत रजाई
कर दिया बहाना
आज नहीं नहाना
बच्चों की रूलाई
खीचो मत रजाई
कर दिया बहाना
आज नहीं नहाना
परिन्दे सब हैरान
छोड़कर बसेरा
एक सा उजास
कितना बड़ा सवेरा
बादलों ने तोड़ा
सूर्य का घमण्ड
सिकुड़ गई धूप
शीत है प्रचण्ड ।
-नंदकिशोर राठौर
बालागंज मंदसौर