Tuesday, June 10, 2025
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लाल चींटी चटनी अब दुनियाभर मे फेमस , मिला GI टैग

भारत विविधताओं का देश है , जहां रहन सहन मे विविधता है तो वही खानपान मे भी विविधताए है । जैसे झारखंड की लाल चींटी चटनी भी अब दुनियाभर मे पसंद की जाने लगी है इसी के चलते इस व्यंजन को GI tag प्राप्त हुआ है । जी हाँ , हम बात कर रहे है  लाल चींटी की चटनी की , पढ़कर आप जररूर आश्चर्यचकित हुए होंगे परंतु यह सच है । ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के ट्राइबल लोगों के बीच ये चटनी बहुत चाव से खायी जाती है। Geographical  Indication (GI) टैग मिलने के बाद अब यह दुनियाभर मे चर्चा मे आ गई है । इस चटनी को खास तौर से ओडिशा के मयूरभंज जिले मे अधिक मात्रा मे खाया जाता है।Red Ant Chutney Of Mayurbhanj In Odisha Gets GI Tag

ऑडिशा के अलावा झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी लालचींटी चटनी को पसंद किया जाता है। वहाँ इस  चटनी को चपरा कहा जाता है। अमूमन लाल चींटी को देखते ही लोग डर जाते है या इससे दूर रहना ही पसंद करते है , उस चींटी को जमा करने के लिए ये लोग जंगलों की ख़ाक छानते है। जब इन्हें चींटियों का पूरा नगर मिल जाता है तो ये उसके घर को नष्ट कर इन लाल चीटियों को एकत्र  कर लेते हैं, स्वादिष्ट चटनी बनाने के लिये ।

लाल चींटी चटनी बनाने की प्रक्रिया

यहा तक कि लाल चींटी की चटनी बनाने  में चिटीयों के  अंडे का भी उपयोग  किया जाता है।  ये तीखे स्वाद की होती है। लहसुन और हरी मिर्च के इन्हे साथ पीसा जाता है। बाँबी से  पहले चींटी और उसके अंडों को  जमा किया जाता है।  उसे पीसा जाता है और फिर सुखाया जाता है।  सूखने के बाद उसे मुसल में फिर से पीसते हैं। नमक , टमाटर, धनिया और मिर्च डालकर इसकी चटनी रेडी की  जाती है।

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